राजस्थान दिवस
सुरमो भरयो थाल माँये, दिवाना मीठा पकवान रा। हुंकार उठे प्रताप री अठे, म्हैं मिनख राजस्थान रा ।। टाबर टिंगर गाथा गाँवे अठे पन्ना रे बलिदान रा, सेठिया री कविता गुंजे गीत गावों कानदान रा ! करस्यां थारी मान - मनवार अठे भूखा मिनख मेहमान रा। भोमिया , तेजा रा थान पूँजे थपिया खेजड़ रे थान रा..! पधारो पांहुणां म्हारे देश बोळ मीरा रे मीठा गान रा। थै आवो तो राजी होवे मनड़ो म्हैं मिनख भोळा-ढाला राजस्थान रा। लिख लिख ने करद्यो धोळा कागद काळा पिळा पण म्हैं राजस्थान हुँ जिण रो बखाण थै कदै न कर सको। @बाईसा_री_कलम_स्यूँ